हमें क्या पता था, कि इश्क कैसा होता है, हमें तो बस आप मिले और, इश्क हो गया।

हमें क्या पता था, कि इश्क कैसा होता है, हमें तो बस आप मिले और, इश्क हो गया।

Pyar Bhari Shayari

जब भी चाहा सिर्फ तुम्हें चाहा, पर कभी तुमसे कुछ नहीं चाहा।

जब भी चाहा सिर्फ तुम्हें चाहा, पर कभी तुमसे कुछ नहीं चाहा।

ज़िंदगी से अपना हर दर्द छुपा लेना, ख़ुशी न सही गम गले लगा लेना, कोई अगर कहे मोहब्बत आसान है, तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।

ज़िंदगी से अपना हर दर्द छुपा लेना, ख़ुशी न सही गम गले लगा लेना, कोई अगर कहे मोहब्बत आसान है, तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।

बेवजह अब ज़िन्दगी में प्यार के बीज न बोए कोई. मोहब्बत के पेड़ हमेशा ग़म की बारिश ही लाते है।

बेवजह अब ज़िन्दगी में प्यार के बीज न बोए कोई. मोहब्बत के पेड़ हमेशा ग़म की बारिश ही लाते है।

 एक हसरत थी, कि कभी वो भी हमें मनायें,पर ये कमबख्त दिल कभी, उनसे रूठा ही नहीं।

एक हसरत थी, कि कभी वो भी हमें मनायें,पर ये कमबख्त दिल कभी, उनसे रूठा ही नहीं।

प्यार तो ज़िन्दगी को सजाने के लिए है, पर ज़िन्दगी बस दर्द बहाने के लिए है, मेरे अंदर की उदासी काश कोई पढ़ ले, ये हँसता हुआ चेहरा तो ज़माने के लिए है।

प्यार तो ज़िन्दगी को सजाने के लिए है, पर ज़िन्दगी बस दर्द बहाने के लिए है, मेरे अंदर की उदासी काश कोई पढ़ ले, ये हँसता हुआ चेहरा तो ज़माने के लिए है।

विश्वास करने वाले से ज्यादा बेवकूफ विश्वास को तोड़ने वाला होता है क्योंकि. वो सिर्फ एक छोटे से स्वार्थ के लिये एक प्यारे से मनुष्य को खो देता है...

विश्वास करने वाले से ज्यादा बेवकूफ विश्वास को तोड़ने वाला होता है क्योंकि. वो सिर्फ एक छोटे से स्वार्थ के लिये एक प्यारे से मनुष्य को खो देता है...

हालत जो भी हो,हर हाल में एक दुसरे को, समझ पाना ही “सच्ची मोहब्बत” है।

हालत जो भी हो,हर हाल में एक दुसरे को, समझ पाना ही “सच्ची मोहब्बत” है।

आदत बदल दू कैसे तेरे इंतज़ार की, ये बात अब नही है मेरे इकतियार की, देखा भी नही तुझ को फिर भी याद करते है, बस ऐसी ही खुश्बू है दिल मे तेरे प्यार की।

आदत बदल दू कैसे तेरे इंतज़ार की, ये बात अब नही है मेरे इकतियार की, देखा भी नही तुझ को फिर भी याद करते है, बस ऐसी ही खुश्बू है दिल मे तेरे प्यार की।

प्यार कहते हैं, आशिकी कहते हैं, कुछ लोग उसे बंदगी कहते हैं, मगर जिसके साथ हमें मोहब्बत है, हम उन्हें अपनी जिंदगी कहते हैं।

प्यार कहते हैं, आशिकी कहते हैं, कुछ लोग उसे बंदगी कहते हैं, मगर जिसके साथ हमें मोहब्बत है, हम उन्हें अपनी जिंदगी कहते हैं।

सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर, इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता? बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..

सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर, इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता? बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..

पत्थर के दिल में भी जगह बना ही लेता है, ये प्यार है अपनी मंजिल को पा ही लेता है।

पत्थर के दिल में भी जगह बना ही लेता है, ये प्यार है अपनी मंजिल को पा ही लेता है।

इनकार करते करते इकरार कर बैठे, हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे।

इनकार करते करते इकरार कर बैठे, हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे।

सुनते नहीं क्यु दिल की पुकारे, बेताब कर गए हे आपके नज़ारे, चलो बेगाना करके इस जहाँ को, बन जाओ ना तुम हमदम हमारे।

सुनते नहीं क्यु दिल की पुकारे, बेताब कर गए हे आपके नज़ारे, चलो बेगाना करके इस जहाँ को, बन जाओ ना तुम हमदम हमारे।

तेरे ख्याल से ही एक रौनक आ जाती है दिल में, तुम रूबरू आओगे तो जाने क्या आलम होगा।

तेरे ख्याल से ही एक रौनक आ जाती है दिल में, तुम रूबरू आओगे तो जाने क्या आलम होगा।

वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे, दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे, दूर से जब इतना याद करते हैं आपको, क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे।

वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे, दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे, दूर से जब इतना याद करते हैं आपको, क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे।

कौन कहता है, कि मोहब्बत बर्बाद कर देती है अरे यारों… कोई निभाने वाला हो, तो दुनिया याद करती है।

कौन कहता है, कि मोहब्बत बर्बाद कर देती है अरे यारों… कोई निभाने वाला हो, तो दुनिया याद करती है।

दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं, रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं, कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की, आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.

दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं, रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं, कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की, आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.

हमारी ज़िंदगी तो कब की बिखर गयी, हसरते सारी दिल में ही मर गयी, चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में, हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी।

हमारी ज़िंदगी तो कब की बिखर गयी, हसरते सारी दिल में ही मर गयी, चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में, हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी।