हमारी ज़िंदगी तो कब की बिखर गयी, हसरते सारी दिल में ही मर गयी, चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में, हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी।
 - Pyar Bhari Shayari

हमारी ज़िंदगी तो कब की बिखर गयी, हसरते सारी दिल में ही मर गयी, चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में, हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी।

Pyar Bhari Shayari

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