हम वो फूल हैं जो रोज-रोज नहीं खिलते, यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते, हमसे बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें, हम वो दोस्त हैं जो दोबारा नहीं मिलते। - friendship shayari

हम वो फूल हैं जो रोज-रोज नहीं खिलते, यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते, हमसे बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें, हम वो दोस्त हैं जो दोबारा नहीं मिलते।

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