हम तो पहले से बिगडे हुऐ है, हमारा कोई क्या बिगाड लेगा..
हम बंदूक के ट्रिगर पे नहीँ, बल्की खुद के जीगर पे जीते हैं..
दौलत तो विरासत में मिलती है, लेकिन पहचान अपने दम पर बनानी पड़ती है।
डरते तो हम किसी के बाप से भी नही, बस Respect नाम की चीज बीच मे आ जाती हे...
श्री राधा जहाँ-जहां श्री कृष्ण वहाँ-वहाँ है, जो हृदय में बस जाएँ वो बिछड़ता कहाँ है.
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता, तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता।
भरोसा है मुझे बंसीधर तेरे नाम का कदम कदम पर है तेरा ही सहारा धोका कभी ना खाऊ मैं मैन पिया है प्याला राधे राधे नाम का ।। श्री राधे राधे ।।
राधा कृष्ण का मिलन तो एक बहाना था, दुनिया को प्रेम का सही मतलब समझना था.
राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम है, कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है, रंग बदलती दूनियाँ देखी देखा जग व्यवहार, दिल टूटा तब मन को भाया ठाकुर तेरा दरबार राधे राधे
कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी, जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ दौड़ी आये राधा रानी।
कान्हा के संग प्रीत लड़ाई जिसका कोई हिसाब नही हर लम्हा मैं बस ऐसे जीऊ बाकी और कोई ख्वाब नही !
जिस पर राधा को मान हैं, जिस पर राधा को गुमान हैं, यह वही कृष्ण हैं जो राधा के दिल हर जगह विराजमान हैं.
मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से क्या मतलब कोई दिल से हो मेरा, तो एक कृष्ण ही काफ़ी हैं।
जब भी ख्वाब कन्हिया तेरा मैं देखु तो दिल मेरा खो ही जाता है रोके चाहे दुनिया मुझे सारी मगर प्यार तुझी से हो ही जाता है ।
“राधा” के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं, कान्हा से पहले लोग लेते “राधा” का नाम हैं.
चारों तरफ फैल रही हैं, इनके प्यार की खुशबू थोड़ी-थोड़ी कितनी प्यारी लग रही हैं, साँवरे-गोरी की यह जोड़ी।।
राधा भी दीवानी तेरे प्यार मैं मीरा भी जाये वारी वारी रंग देख सावला कान्हा तेरा गोपिया भी चली आये दौड़ी दौड़ी ।
सुध-बुध खो रही राधा रानी, इंतजार अब सहा न जाएँ, कोई कह दो सावरे से, वो जल्दी राधा के पास आएँ!