समय की रफ़्तार रुक गयी होती, शरम से आँखें झुक गयी होती, अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का, तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती।
तू मुझे बनते बिगड़ते हुए अब ग़ौर से देख, वक़्त कल चाक पे रहने दे न रहने दे मुझे।
वक़्त का ख़ास होना ज़रूरी नहीं, खास लोगो के लिए वक़्त होना ज़रूरी है।
तुझे चाहने वाले कम ना होंगे, समय के साथ शायद हम ना होंगे, चाहे किसी को कितना भी प्यार देना, लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे।
अजनबी शहर में एक दोस्त मिला, वक्त नाम था, पर जब भी मिला मजबूर मिला।
ना तूफ़ान ने दस्तक दी, और ना पत्थर ने चोट दी, वक्त तकदीर से मिला और मुझे सजा-ए-मोहब्बत दी।
राब्ता लाख सही क़ाफ़िला-सालार के साथ, हम को चलना है मगर वक़्त की रफ़्तार के साथ।
वक़्त आने पर जवाब देंगे सबको लहज़े सबके याद हैं हमे।
सो रही है दुनिया, बस एक सपनों का तलबगार जाग रहा है, दिन भी छोटे और रातें भी छोटी लगती हैं, समय जैसे जिंदगी से भी तेज भाग रहा है।
वक़्त नूर को बे -नूर कर देता है, से जख़्म को नासूर कर देता है, कौन चाहता है अपने से दूर होना, लेकिन वक़्त सबको मज़बूर कर देता है।
आगे वही बढ़ पायेगा, जो जिंदगी को अपने हिसाब से चलाएगा, कौन रहेगा मैदान में कौन बाजी हारेगा, किस्मे है कितना दम अब ये समय बताएगा।
वक्त, मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है, कब, कौन और कहाँ बदल जाए कुछ कह नहीं सकते।
कुछ वक़्त ख़ामोश होकर देखा, लोग सच में भूल जाते हैं।
दिल को उदास करने जब तन्हाई आती है, समय गुजर जाता है बस यादें साथ निभाती हैं।
हार जाते हैं वो जो समय के आगे घुटने टेक दिया करते हैं, जीत उन्हीं की होती है जो बहानों के लिबासों को उतार फेंक दिया करते हैं।
एहसान तुम्हारे एकमुश्त, किश्तों में चुकाए हैं हमनें, कुछ वक्त लगा पर अश्कों के, कुछ सूद चुकाए हैं हमनें।
ना करो हिमाकत किसी के वक़्त पर हसने की ये वक़्त है जनाब चेहरे याद रखता है।
जो रोऊंगा तो पलकों पे नमी रह जायेगी, ज़िन्दगी बस नाम की जिन्दगी रह जायेगी, ये नहीं कि तुम बिन जी न पाउँगा, हाँ मगर जिन्दगी में हर समय एक तेरी कमी रह जायेगी।