रात तो वक्त की पाबंद है, ढल जायेगी, देखना तो ये है दीयों का सफर कितना होगा।। - Waqt Shayari

रात तो वक्त की पाबंद है, ढल जायेगी, देखना तो ये है दीयों का सफर कितना होगा।।

Waqt Shayari