इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है, और वक़्त की तो फ़ितरत ही बदल जाना है। - Waqt Shayari

इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है, और वक़्त की तो फ़ितरत ही बदल जाना है।

Waqt Shayari