जो मुझे सब जगह देखता है और सब कुछ मुझमें देकता है उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ और न वह मेरे लिए अदृश्य होता है।

जो मुझे सब जगह देखता है और सब कुछ मुझमें देकता है उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ और न वह मेरे लिए अदृश्य होता है।

Bhagavad Gita

जिस प्रकार एक दिया अपना प्रकाश कम किए बिना हजारों दियों को जला देता है उसी प्रकार खुशियों को बांटा जाए तो खुशियां कम नहीं होती।

जिस प्रकार एक दिया अपना प्रकाश कम किए बिना हजारों दियों को जला देता है उसी प्रकार खुशियों को बांटा जाए तो खुशियां कम नहीं होती।

अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वह नहीं बल्कि अच्छे आप हो क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है।

अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वह नहीं बल्कि अच्छे आप हो क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है।

मन में क्रोध रखने की अपेक्षा उसे तुरंत प्रकट कर देना अधिक अच्छा है जैसे पल में जल जाना और देर तक सुलगने से अच्छा है।

मन में क्रोध रखने की अपेक्षा उसे तुरंत प्रकट कर देना अधिक अच्छा है जैसे पल में जल जाना और देर तक सुलगने से अच्छा है।

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ, मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ, मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।

जो जीवन के मूल्य को जानता हो। इससे उच्चलोक की नहीं अपितु अपयश प्राप्ति होती है।

जो जीवन के मूल्य को जानता हो। इससे उच्चलोक की नहीं अपितु अपयश प्राप्ति होती है।

जो पुरुष न तो कर्मफल की इच्छा करता है, और न कर्मफलों से घृणा करता है, वह संन्यासी जाना जाता है।

जो पुरुष न तो कर्मफल की इच्छा करता है, और न कर्मफलों से घृणा करता है, वह संन्यासी जाना जाता है।

अगर आप किसी को छोटा देख रहे हो तो आप उसे या तो दूर से देख रहे हो या तो अपने भीतर के अहंकार से।

अगर आप किसी को छोटा देख रहे हो तो आप उसे या तो दूर से देख रहे हो या तो अपने भीतर के अहंकार से।

जैसे समुद्र के पार जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है उसी प्रकार स्वर्ग के लिए सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है।

जैसे समुद्र के पार जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है उसी प्रकार स्वर्ग के लिए सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है।

पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है वैसे ही इंसान अपने कर्म से नहीं बल्कि छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है।

पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है वैसे ही इंसान अपने कर्म से नहीं बल्कि छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है।

एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता।

एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता।

कर्म वह फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है।

कर्म वह फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है।

जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।

जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।

व्यर्थ की चिंता और भय एक रोग के समान है जो आपकी आत्मीय शक्ति को छिन्न करती है।

व्यर्थ की चिंता और भय एक रोग के समान है जो आपकी आत्मीय शक्ति को छिन्न करती है।

लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे। सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर है।

लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे। सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर है।

वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।

वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।

परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है।

परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है।

सफलता पाने वाले भूत या भविष्य की चिंता किए बिना अपने वर्तमान को सुधारते हैं।

सफलता पाने वाले भूत या भविष्य की चिंता किए बिना अपने वर्तमान को सुधारते हैं।

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।