शुक्र है खुदा का, जिसने रंगीन नहीं रखे आंसू वरना रात में भीग जाने वाले तकिये, हमारे राज बया कर देते। - Dhoka Shayari

शुक्र है खुदा का, जिसने रंगीन नहीं रखे आंसू वरना रात में भीग जाने वाले तकिये, हमारे राज बया कर देते।

Dhoka Shayari