मुझे इन पत्थरों से खौफ न होता, अगर शीशे का मेरा घर न होता, यकीनन मैं भी खेलता इश्क़ की बाज़ी, अगर दिल टूटने का डर न होता। - Gam Bhari Shayari

मुझे इन पत्थरों से खौफ न होता, अगर शीशे का मेरा घर न होता, यकीनन मैं भी खेलता इश्क़ की बाज़ी, अगर दिल टूटने का डर न होता।

Gam Bhari Shayari

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