आवाज़ में ठहराव था आँखों में नमी सी थी, और कह रहा था मैंने सब कुछ भुला दिया। - Gam Bhari Shayari

आवाज़ में ठहराव था आँखों में नमी सी थी, और कह रहा था मैंने सब कुछ भुला दिया।

Gam Bhari Shayari

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