यूँ न कहो कि क़िस्मत की बात है , मेरी तन्हाई में कुछ तुम्हारा भी हाथ है ! - Dhoka Shayari

यूँ न कहो कि क़िस्मत की बात है , मेरी तन्हाई में कुछ तुम्हारा भी हाथ है !

Dhoka Shayari