तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो या फरेब मेरी आँखों का , ना दिल से निकलते हो ना मेरी ज़िंदगी में आते हो। - Ishq Shayari

तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो या फरेब मेरी आँखों का , ना दिल से निकलते हो ना मेरी ज़िंदगी में आते हो।

Ishq Shayari