वो जितना मुझे पलके उठा देख लेते है , उतना ही मैं नीलम हो जाता हूँ।

वो जितना मुझे पलके उठा देख लेते है , उतना ही मैं नीलम हो जाता हूँ।

Ishq Shayari

बिन जले शमा के परवाना जल नही सकता, क्या करे इश्क अगर हुस्न की सबकत ना करे।

बिन जले शमा के परवाना जल नही सकता, क्या करे इश्क अगर हुस्न की सबकत ना करे।

इश्क़ का समुन्दर भी क्या समुन्दर, जो डूब गया वो इश्क़ और जो बच गया वो दीवाना।

इश्क़ का समुन्दर भी क्या समुन्दर, जो डूब गया वो इश्क़ और जो बच गया वो दीवाना।

इश्क को भी इश्क हो तो फिर मैं देखूं इश्क को भी, कैसे तड़पे कैसे रोये, इश्क अपने इश्क में।

इश्क को भी इश्क हो तो फिर मैं देखूं इश्क को भी, कैसे तड़पे कैसे रोये, इश्क अपने इश्क में।

वो कहते है कि भूल जाओ पुरानी बातो को , कोई उसे समझाए कि इश्क़ पुराना नहीं होता ,

वो कहते है कि भूल जाओ पुरानी बातो को , कोई उसे समझाए कि इश्क़ पुराना नहीं होता ,

बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने, फिर हुआ इश्क और हम अकेले हो गए।

बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने, फिर हुआ इश्क और हम अकेले हो गए।

तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो या फरेब मेरी आँखों का , ना दिल से निकलते हो ना मेरी ज़िंदगी में आते हो।

तुम हकीकत-ऐ-इश्क़ हो या फरेब मेरी आँखों का , ना दिल से निकलते हो ना मेरी ज़िंदगी में आते हो।

यकीन है मुझ पर तो बेपनाह इश्क कर, वफाए मेरी जवाब देगी तू सवाल तो कर।

यकीन है मुझ पर तो बेपनाह इश्क कर, वफाए मेरी जवाब देगी तू सवाल तो कर।

तुझसे ना मिलने की तड़प कुछ ऐसी है कि , जैसे मेरी सांस में सांस ना हो।

तुझसे ना मिलने की तड़प कुछ ऐसी है कि , जैसे मेरी सांस में सांस ना हो।

इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से, वो होता है और होकर ही रहता है।

इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से, वो होता है और होकर ही रहता है।

क्या हसीन इत्तेफाक था तेरी गली में आने का, किसी काम से आये थे और किसी काम के ना रहे।

क्या हसीन इत्तेफाक था तेरी गली में आने का, किसी काम से आये थे और किसी काम के ना रहे।

हर दिन याद कर हाज़िरी लगा देते है , तुम्हारे दिल में पल रहे हमारे इश्क़ की।

हर दिन याद कर हाज़िरी लगा देते है , तुम्हारे दिल में पल रहे हमारे इश्क़ की।

जब होना होता है तब होके रहता है , ये इश्क़ है इस पर किसका ज़ोर चलता है।

जब होना होता है तब होके रहता है , ये इश्क़ है इस पर किसका ज़ोर चलता है।

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब, सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से।

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहब, सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से।

क़र्ज़ चढ़ गया है अब तुम पर मेरे प्यार का , तो सवाल ही नहीं उठता तुम्हारे इंकार का।

क़र्ज़ चढ़ गया है अब तुम पर मेरे प्यार का , तो सवाल ही नहीं उठता तुम्हारे इंकार का।

तकिये के नीचे दबा के रखे हैँ तुम्हारे ख्याल, एक तेरा अक्स, एक तेरा इश्क़ , ढेरो सवाल और तेरा इंतज़ार।

तकिये के नीचे दबा के रखे हैँ तुम्हारे ख्याल, एक तेरा अक्स, एक तेरा इश्क़ , ढेरो सवाल और तेरा इंतज़ार।

इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।

इतनी गहराइयो में जा पहुचा है इश्क़ मेरा देखना पैमाना भी छोटा पड जाएगा तेरा।

जूनून-ए-इश्क, नहीं रास आया हमें, जब भी देखा आइना, अक्स उनका ही नजर आया हमें।

जूनून-ए-इश्क, नहीं रास आया हमें, जब भी देखा आइना, अक्स उनका ही नजर आया हमें।

लगता है इश्क़ अपने  उसूलों पे कायम ही रहेगा , ये कल भी तकलीफ देता था और आगे भी तकलीफ देगा।

लगता है इश्क़ अपने उसूलों पे कायम ही रहेगा , ये कल भी तकलीफ देता था और आगे भी तकलीफ देगा।