कभी कभी किस्मत भी कमाल कर देता है, रोटी कमाने निकलों तो सिर पर ताज रख देता है। - Kismat Shayari

कभी कभी किस्मत भी कमाल कर देता है, रोटी कमाने निकलों तो सिर पर ताज रख देता है।

Kismat Shayari