देखि है ज़माने की दोस्ती और दोस्तों के धोखे देखा है अपना बन कर अपनों को लूटते !  - Dhokebaaz Dost Shayari

देखि है ज़माने की दोस्ती और दोस्तों के धोखे देखा है अपना बन कर अपनों को लूटते !

Dhokebaaz Dost Shayari

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