मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर हैं करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात! - Sharab Shayari

मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर हैं करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात!

Sharab Shayari