देखा किये वह मस्त निगाहों से बार-बार, जब तक शराब आई कई दौर चल गये। - Sharab Shayari

देखा किये वह मस्त निगाहों से बार-बार, जब तक शराब आई कई दौर चल गये।

Sharab Shayari