बातें तो हर कोई समझ लेता है हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे! - Humsafar Shayari

बातें तो हर कोई समझ लेता है हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे!

Humsafar Shayari