अब वक्त भी कह रहा है, मुझे अपनी हमसफर से मिलवाओ, तुम किसी का प्यार पाओ, और किसी पर प्यार लुटाओ।
हम नादां थे जो उन्हें हमसफ़र समझ बैठे, वो चलते थे मेरे साथ पर किसी और की तलाश में!
हमसफ़र खूबसूरत हो या ना हो, लेकिन सच्चा होना चाहिए.
मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं होगा बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया!
बातें तो हर कोई समझ लेता है हमसफर ऐसा हो जो खामोशी भी समझे!
अपने हमसफर का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि प्यार के बदले हीं प्यार मिलता है!
उसके आने से घर में रौनक आ गई है वो पगली अब सांसों में समा गई है!
हम तुमसे दूर कैसे रह पाते, दिल से तुमको कैसे भूल पाते, काश तुम आईने में बसे होते, ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते।
इन दिनों दिल अपना सख्त बे-आराम रहता है, इसी हालत में लेकर सुबह से शाम रहता है।
अजनबी होता तो ऐसा कर भी लेता शायद , मगर तू तो अपना है कैसे सताऊं तुझको।
न हम रहे दिल लगाने काबिल, ना दिल रहा गम उठाने काबिल, लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर, न छोड़ा उसने मुस्कुराने के काबिल।
आकर तू देख ले दिल पे लिखा है नाम तेरा, अगर कहे तो दिल चीर के दिखाऊ तुझको।
पास आ जरा दिल की बात बताऊँ तुझको, कैसे धड़कता है दिल आवाज़ सुनाऊं तुझको।
खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से, तुम जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से।
मुमकिन अगर हो सके तो वापस कर दो, बिना दिल के अब हमारा दिल नहीं लगता।
किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी, हमारी चीज थी हमने जहाँ जानी वहाँ रख दी, जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो, जरा सी चीज़ थी हमने न जाने कहाँ रख दी।
कभी पत्थर कहा गया तो कभी शीशा कहा गया, दिल जैसी एक चीज़ को क्या-क्या कहा गया।
अजीब अंधेरा है ऐ इश्क़ तेरी महफ़िल में, किसी ने दिल भी जलाया तो रोशनी ना हुई।