अजीब शख्स है नाराज हो के हंसता है मैं चाहता हूँ खफा हो तो खफा ही लगे ! - Narazgi Shayari

अजीब शख्स है नाराज हो के हंसता है मैं चाहता हूँ खफा हो तो खफा ही लगे !

Narazgi Shayari