ठुकरा दिया तूने अच्छा किया मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं! - Narazgi Shayari

ठुकरा दिया तूने अच्छा किया मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं!

Narazgi Shayari