जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं, अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं। - Gulzar Shayari

जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं, अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं।

Gulzar Shayari