कुछ यूँ जमीं से आसमां हो गया बढ़कर दर्द मेरा बेइंतहां हो गया। - Alfaaz Shayari

कुछ यूँ जमीं से आसमां हो गया बढ़कर दर्द मेरा बेइंतहां हो गया।

Alfaaz Shayari