मंजिल का नाराज होना भी जायज था, हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे! - Ajnabi Shayari

मंजिल का नाराज होना भी जायज था, हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे!

Ajnabi Shayari