हमसफ़र की तरह वो चला था मगर, रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी. - Ajnabi Shayari

हमसफ़र की तरह वो चला था मगर, रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी.

Ajnabi Shayari