ज़िंदगी तो मौत के इंतज़ार में रहती है, फिर भी जाने क्यों ये किसी और को ढूंढती है। - Intezaar Shayari

ज़िंदगी तो मौत के इंतज़ार में रहती है, फिर भी जाने क्यों ये किसी और को ढूंढती है।

Intezaar Shayari