बहुत अंदर तक तबाही मचाता है, वो आँसू जो आँखों से बह नहीं पता है! - Aankhein Shayari

बहुत अंदर तक तबाही मचाता है, वो आँसू जो आँखों से बह नहीं पता है!

Aankhein Shayari