कभी तो आ बैठ मेरे पास थोड़ा बतियाते है, बढ़ रही है जो दूरियां उन दूरियों को मिटाते हैं। - Dooriyan Shayari

कभी तो आ बैठ मेरे पास थोड़ा बतियाते है, बढ़ रही है जो दूरियां उन दूरियों को मिटाते हैं।

Dooriyan Shayari