कभी तो आ बैठ मेरे पास थोड़ा बतियाते है, बढ़ रही है जो दूरियां उन दूरियों को मिटाते हैं।

कभी तो आ बैठ मेरे पास थोड़ा बतियाते है, बढ़ रही है जो दूरियां उन दूरियों को मिटाते हैं।

Dooriyan Shayari

तुम मेरी तरफ देखना छोड़ो तो बताऊँ हर शख्स तुम्हारी ही तरफ देख रहा है!

तुम मेरी तरफ देखना छोड़ो तो बताऊँ हर शख्स तुम्हारी ही तरफ देख रहा है!

मैंने उसको इतना देखा, जितना देखा जा सकता था लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था

मैंने उसको इतना देखा, जितना देखा जा सकता था लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था

"क़ैद ख़ानें हैं, बिन सलाख़ों के, कुछ यूँ चर्चें हैं, तुम्हारी आँखों के!

हमारे बीच जो ये दूरियां आयी है, कही न कही इन फासलों के पिछे सारे फैसले तुम्हारे ही तो है।

हमारे बीच जो ये दूरियां आयी है, कही न कही इन फासलों के पिछे सारे फैसले तुम्हारे ही तो है।

लोग पूछते है अब तुम दोनों साथ हो क्या, मैं कहता हूँ जिस्म से नहीं मगर दिल से हाँ शायद।

लोग पूछते है अब तुम दोनों साथ हो क्या, मैं कहता हूँ जिस्म से नहीं मगर दिल से हाँ शायद।

हम तुमसे दूर कैसे रह पाते, दिल से तुमको…कैसे भूल पाते, काश तुम आईने में बसे होते, हम खुद को देखते तो तुम नज़र आते।

हम तुमसे दूर कैसे रह पाते, दिल से तुमको…कैसे भूल पाते, काश तुम आईने में बसे होते, हम खुद को देखते तो तुम नज़र आते।

मैं जितना क़रीब जाना चाहूँ तू उतना ही दूर भागता है मुझे, तू और मैं चुम्बक के एक पहलू से लगते हैं।

मैं जितना क़रीब जाना चाहूँ तू उतना ही दूर भागता है मुझे, तू और मैं चुम्बक के एक पहलू से लगते हैं।

उसकी बेरुखी और मेरी खुदगर्ज़ी, अक्सर दूरियां ले आती हैं।

उसकी बेरुखी और मेरी खुदगर्ज़ी, अक्सर दूरियां ले आती हैं।

काफी फ़र्क़ है दूर होना और दूर रहने में, काफी फ़र्क़ है अपना होना और अपने कहने में।

काफी फ़र्क़ है दूर होना और दूर रहने में, काफी फ़र्क़ है अपना होना और अपने कहने में।

फासले आते चले गए हम दूर जाते चले गए, गलती दोनों की थी और हम एक दुसरे को गलत बताते चले गए।

फासले आते चले गए हम दूर जाते चले गए, गलती दोनों की थी और हम एक दुसरे को गलत बताते चले गए।

दूर ही थे तो अच्छा था, करीब आकर दूरियां बढ़ा दी हमने।

दूर ही थे तो अच्छा था, करीब आकर दूरियां बढ़ा दी हमने।

 फिर हुआ यूँ की फासले कम ना हुए, इतनी कोशिशों के बाद भी मैं और वो हम ना हुए।

फिर हुआ यूँ की फासले कम ना हुए, इतनी कोशिशों के बाद भी मैं और वो हम ना हुए।

ये दूरियां ना होती हमारे दर्मियां, काश कभी जो सुन लेते तुम मेरी ये खामोशियां।

ये दूरियां ना होती हमारे दर्मियां, काश कभी जो सुन लेते तुम मेरी ये खामोशियां।

दूर रहकर भी तुम्हारी हर, खबर रखते है, हम पास तुम्हे कुछ, इस कदर रखते है!

दूर रहकर भी तुम्हारी हर, खबर रखते है, हम पास तुम्हे कुछ, इस कदर रखते है!

 क़िस्मत में लिखी थी दूरियां शायद, वरना तुझे पाने के लिए मेहनत हमने पूरी की थी।

क़िस्मत में लिखी थी दूरियां शायद, वरना तुझे पाने के लिए मेहनत हमने पूरी की थी।

तेरी तस्वीरों को ही सीने से लगा लेते हैं, दूरियों को हम कुछ इस तरह मिटा लेते हैं।

तेरी तस्वीरों को ही सीने से लगा लेते हैं, दूरियों को हम कुछ इस तरह मिटा लेते हैं।

अब बेवजह कुछ ना कहा करो मुझसे, झूठे करीबियों थोड़ा दूर रहा करो मुझे।

अब बेवजह कुछ ना कहा करो मुझसे, झूठे करीबियों थोड़ा दूर रहा करो मुझे।

सजा न दे मुझे बेक़सूर हूँ मैं, थाम ले मुझको ग़मों से चूर हूँ मैं, तेरी दूरी ने कर दिया है पागल मुझे, और लोग कहते हैं कि मगरूर हूँ मैं।

सजा न दे मुझे बेक़सूर हूँ मैं, थाम ले मुझको ग़मों से चूर हूँ मैं, तेरी दूरी ने कर दिया है पागल मुझे, और लोग कहते हैं कि मगरूर हूँ मैं।