दस्तक सुनी तो जाग उठा दर्दे आरज़ू, अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा… - Aarzoo Shayari

दस्तक सुनी तो जाग उठा दर्दे आरज़ू, अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा…

Aarzoo Shayari