Aarzoo Shayari, Status, and Images in Hindi

Best Aarzoo Shayari, Status, Messages, and Quotes With Images in Hindi.

Heart Touching Aarzoo Shayari

ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही!

मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!

आरज़ू तुमसे आरज़ू है मेरी तुम मेरी आरज़ू बनोगी क्या

ज़िंदगी मेरी है तो एक ही काम की है आरज़ू तेरी है बस एक ही नाम की है।

मैं जिसकी गोद में सर रख के सोई वही सपनों में मेरे आ रहा है!

कोई गिला कोई शिकवा जरा रहे तुमसे, ये आरजू है कि इक सिलसिला रहे तुमसे..

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए, जीने की आरज़ू में कई बार मर गए!

तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी, देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…

कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी, कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं..

दस्तक सुनी तो जाग उठा दर्दे आरज़ू, अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा…

कुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ, हाँ राख ही तो ठहरा, अंजाम जिंदगी का..

भरे हुए जाम पर सुराही का सर झुका तो बुरा लगेगा जिसे तेरी आरज़ू नहीं तू उसे मिला तो बुरा लगेगा

आरज़ू' जाम लो झिजक कैसी पी लो और दहशत-ए-गुनाह गई

ख्वाइश बस इतनी सी है कि, तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो, आरज़ू ये नही की लोग, वाह वाह करें..

कर लिया तबाह मैंने ख़ुद को मेरी जान देख तेरे दिल की थी ये आरज़ू सो पूरी कर चले!

कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए!

उम्र-ए-दराज़ मांग के लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में,.

आरज़ू, हसरत, तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही, ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही..

सियासतदार थे वो यार फ़ितरत थी मुकर जाना कि पागल थे लगा बैठे वफ़ा की आरज़ू उनसे!

हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें, दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या. हसरत मोहानी.

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई

इसलिए आरज़ू छुपाई है, मुँह से निकली हुई पराई है. क़मर जलालवी.

यही है आरज़ू बस आप से दिलबर जरा दिल तोड़िए आहिस्ता आहिस्ता!

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ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही!
मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!
आरज़ू तुमसे आरज़ू है मेरी तुम मेरी आरज़ू बनोगी क्या
ज़िंदगी मेरी है तो एक ही काम की है आरज़ू तेरी है बस एक ही नाम की है।
मैं जिसकी गोद में सर रख के सोई वही सपनों में मेरे आ रहा है!
कोई गिला कोई शिकवा जरा रहे तुमसे, ये आरजू है कि इक सिलसिला रहे तुमसे..
वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए, जीने की आरज़ू में कई बार मर गए!
तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी, देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…
कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी, कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं..
दस्तक सुनी तो जाग उठा दर्दे आरज़ू, अपनी तरफ क्यों आती नहीं प्यार की हवा…
कुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ, हाँ राख ही तो ठहरा, अंजाम जिंदगी का..
भरे हुए जाम पर सुराही का सर झुका तो बुरा लगेगा जिसे तेरी आरज़ू नहीं तू उसे मिला तो बुरा लगेगा
आरज़ू' जाम लो झिजक कैसी पी लो और दहशत-ए-गुनाह गई
ख्वाइश बस इतनी सी है कि, तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो, आरज़ू ये नही की लोग, वाह वाह करें..
कर लिया तबाह मैंने ख़ुद को मेरी जान देख तेरे दिल की थी ये आरज़ू सो पूरी कर चले!
कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए!
उम्र-ए-दराज़ मांग के लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में,.
आरज़ू, हसरत, तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही, ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही..
सियासतदार थे वो यार फ़ितरत थी मुकर जाना कि पागल थे लगा बैठे वफ़ा की आरज़ू उनसे!
हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें, दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या. हसरत मोहानी.
मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई
इसलिए आरज़ू छुपाई है, मुँह से निकली हुई पराई है. क़मर जलालवी.
यही है आरज़ू बस आप से दिलबर जरा दिल तोड़िए आहिस्ता आहिस्ता!