कुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ, हाँ राख ही तो ठहरा, अंजाम जिंदगी का.. - Aarzoo Shayari

कुछ आग आरज़ू की, उम्मीद का धुआँ कुछ, हाँ राख ही तो ठहरा, अंजाम जिंदगी का..

Aarzoo Shayari