आरज़ू' जाम लो झिजक कैसी पी लो और दहशत-ए-गुनाह गई - Aarzoo Shayari

आरज़ू' जाम लो झिजक कैसी पी लो और दहशत-ए-गुनाह गई

Aarzoo Shayari