करने को मेरी तारीफ़ गर तुम्हें शब्द ना मिलें, तुम बिल्कुल मां की परछाई हो बस इतना बोल देना.

करने को मेरी तारीफ़ गर तुम्हें शब्द ना मिलें, तुम बिल्कुल मां की परछाई हो बस इतना बोल देना.

Mood Off Shayari

अपनी तबाहियों का मुझे गम तो है मगर, तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी !

अपनी तबाहियों का मुझे गम तो है मगर, तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी !

आपको देखने की तमन्ना मुझे भी थी, पर हर तमन्ना की मंजिल नहीं होती !

आपको देखने की तमन्ना मुझे भी थी, पर हर तमन्ना की मंजिल नहीं होती !

मोहब्बत कभी भी मज़बूर नहीं होती है, बल्कि जो मज़बूर हो वो मोहब्बत नहीं होती है !

मोहब्बत कभी भी मज़बूर नहीं होती है, बल्कि जो मज़बूर हो वो मोहब्बत नहीं होती है !

जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी मुनीर, ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं!

जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी मुनीर, ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं!

गम छुपाने का अपना ही अलग मजा है, क्योंकि गम दिखाकर मुझे दर्द बांटना नहीं है !

गम छुपाने का अपना ही अलग मजा है, क्योंकि गम दिखाकर मुझे दर्द बांटना नहीं है !

मेरी फ़ितरत में नहीं कि अपना गम बयाँ करू अगर तेरे दिल का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी !

मेरी फ़ितरत में नहीं कि अपना गम बयाँ करू अगर तेरे दिल का हिस्सा हूँ तो महसूस कर तकलीफ मेरी !

अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आंसू.अभी तो छेड़ी ही कहा हे दर्द-ए-दिल की दास्तान हमने.

अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आंसू.अभी तो छेड़ी ही कहा हे दर्द-ए-दिल की दास्तान हमने.

जरा सा फ़ासला जानबूझ कर रखती हूँ, तुझमे घुल जाऊँ तो मुझमे मेरा क्या रहेगा !

जरा सा फ़ासला जानबूझ कर रखती हूँ, तुझमे घुल जाऊँ तो मुझमे मेरा क्या रहेगा !

मैं यह सोचकर धैर्यवान हूं कि जीवन मेरी परीक्षा ले रहा है, लेकिन कभी-कभी सोचता हूं कि ये जिंदगी मुझे इतनी परेशानी क्यों दे रही है।

मैं यह सोचकर धैर्यवान हूं कि जीवन मेरी परीक्षा ले रहा है, लेकिन कभी-कभी सोचता हूं कि ये जिंदगी मुझे इतनी परेशानी क्यों दे रही है।

हमारे बोलने से कुछ लोगों को चोट लगने लगी, इसलिए हमने चुपचाप दोस्त बना लिए।

हमारे बोलने से कुछ लोगों को चोट लगने लगी, इसलिए हमने चुपचाप दोस्त बना लिए।

कौन फिरता है अब गली मोहल्लों में इश्क़ अब डिजिटल हो गया, कौन करता है अब बातें रूह की इश्क़ अब फिजिकल हो गया.

कौन फिरता है अब गली मोहल्लों में इश्क़ अब डिजिटल हो गया, कौन करता है अब बातें रूह की इश्क़ अब फिजिकल हो गया.

कभी नहीं सोचा था कि हमें ये दिन भी देखने पड़ेंगे, लगता है अब मुझे इनकी आदत हो जानी चाहिए।

कभी नहीं सोचा था कि हमें ये दिन भी देखने पड़ेंगे, लगता है अब मुझे इनकी आदत हो जानी चाहिए।

मोहब्बत पहली, दूसरी या तीसरी नहीं होती मोहब्बत वही है जिसके बाद मोहब्बत ना हो.

मोहब्बत पहली, दूसरी या तीसरी नहीं होती मोहब्बत वही है जिसके बाद मोहब्बत ना हो.

प्यार और विश्वास दो ऐसे पंछी हैं, एक उड़ता है तो दूसरा भी उड़ता है।

प्यार और विश्वास दो ऐसे पंछी हैं, एक उड़ता है तो दूसरा भी उड़ता है।

बे-फिजूली की जिंदगी का सिल-सिला ख़त्म जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।

बे-फिजूली की जिंदगी का सिल-सिला ख़त्म जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम।

छूट गया हाथों से वो मेरे कुछ इस कदर रेत फिसलती है जैसे बन्द मुट्ठी से !

छूट गया हाथों से वो मेरे कुछ इस कदर रेत फिसलती है जैसे बन्द मुट्ठी से !

जिन जख्मो से खून नहीं निकलता समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है।

जिन जख्मो से खून नहीं निकलता समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है।

न खुशी खरीद पाता हूं, न गम बेच पता हूं फिर भी न जाने क्यूं, हर रोज़ कमाने जाता हूं!

न खुशी खरीद पाता हूं, न गम बेच पता हूं फिर भी न जाने क्यूं, हर रोज़ कमाने जाता हूं!