ना कर झूठी तारीफ़ अपने शहर की इस क़दर के मैं भी गाँव छोड़ आऊँ और भटकूँ दर बदर !

ना कर झूठी तारीफ़ अपने शहर की इस क़दर के मैं भी गाँव छोड़ आऊँ और भटकूँ दर बदर !

Kadar Shayari

तब उसकी kadar समझ आती है, पूछता ही कौन है पिजड़े के पंछियों को याद तो उड़ जाने के बाद आती है।

तब उसकी kadar समझ आती है, पूछता ही कौन है पिजड़े के पंछियों को याद तो उड़ जाने के बाद आती है।

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है !

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है !

जो अपने माँ-बाप की कदर करते है दुनिया उनकी कदर करती है !!

जो अपने माँ-बाप की कदर करते है दुनिया उनकी कदर करती है !!

सच्चा प्यार वही है जो एक दूसरे को खोने से डरते हो ।

सच्चा प्यार वही है जो एक दूसरे को खोने से डरते हो ।

वक़्त निकल जाने के बाद कदर की जाए तो वो कदर नही अफ़सोस कहलाता है !

वक़्त निकल जाने के बाद कदर की जाए तो वो कदर नही अफ़सोस कहलाता है !

वो मेरी न थी, इस बात की मुझे खबर न थी, मैं पूरा उसका था, इस बात की उसे kadar न थी.

वो मेरी न थी, इस बात की मुझे खबर न थी, मैं पूरा उसका था, इस बात की उसे kadar न थी.

जो मुफ्त में मिलता है उसकी कदर कौन करता है !

जो मुफ्त में मिलता है उसकी कदर कौन करता है !

जो अपनी परिश्रम से गदर करते है, दुनिया वाले उन्हीं की kadar करते है.

जो अपनी परिश्रम से गदर करते है, दुनिया वाले उन्हीं की kadar करते है.

हाथ पैर सब ठीक होने पर भी वो इंसान कुछ नहीं कर सकता जिसने समय की हमेशा बेकद्री की है !

हाथ पैर सब ठीक होने पर भी वो इंसान कुछ नहीं कर सकता जिसने समय की हमेशा बेकद्री की है !

काँच जैसा बनने के बाद पता चलता है कि, उसको टूटना भी उसी की तरह पड़ता है।

काँच जैसा बनने के बाद पता चलता है कि, उसको टूटना भी उसी की तरह पड़ता है।

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है, नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है

दूर कितने हुए सबको सब खबर होती है, नज़दीक रहने वालों की कद्र तक नहीं है

हमसे एक भूल क्या हुई छोटी सी उसने बड़ी बेसब्री से क़द्र को कब्र में डाल दिया!

हमसे एक भूल क्या हुई छोटी सी उसने बड़ी बेसब्री से क़द्र को कब्र में डाल दिया!

इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं किस kadar चोट खाए हुए हैं, मारा था बाप ने कल उसके, आज भाई आये हुए हैं।

इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं किस kadar चोट खाए हुए हैं, मारा था बाप ने कल उसके, आज भाई आये हुए हैं।

इश्क़ में किसी की याद इस कदर ना सतायें आशिक बेइंतहा प्यार करके बर्बाद हो जायें !!

इश्क़ में किसी की याद इस कदर ना सतायें आशिक बेइंतहा प्यार करके बर्बाद हो जायें !!

वो इंसान कभी aap की kadar नहीं करेगा जिसके आगे aap हमेशा झुकोगे!

वो इंसान कभी aap की kadar नहीं करेगा जिसके आगे aap हमेशा झुकोगे!

उस इंसान की कद्र कम की जाती है ज़माने में जो किसी इंसान की कद्र नहीं करता !

उस इंसान की कद्र कम की जाती है ज़माने में जो किसी इंसान की कद्र नहीं करता !

क़द्र कम हो जाती है जब काम पूरा हो जाता है दस्तूर यही है ज़माने का !

क़द्र कम हो जाती है जब काम पूरा हो जाता है दस्तूर यही है ज़माने का !

गरीब हो या अमीर सबकी कदर करते है इंसानियत को हम अपनी नजर में रखते है !

गरीब हो या अमीर सबकी कदर करते है इंसानियत को हम अपनी नजर में रखते है !