क़द्र कम हो जाती है जब काम पूरा हो जाता है दस्तूर यही है ज़माने का ! - Kadar Shayari

क़द्र कम हो जाती है जब काम पूरा हो जाता है दस्तूर यही है ज़माने का !

Kadar Shayari