जिसे जानता नहीं वो शख्स क्यों अपना सा लगता है, है ये दिल्लगी या पिछले जन्म का रिश्ता है।

जिसे जानता नहीं वो शख्स क्यों अपना सा लगता है, है ये दिल्लगी या पिछले जन्म का रिश्ता है।

Dillagi Shayari

किसी ने नही किया हमे करीब अपने खैर छोड़ो यार भी नही थे नसीब मे अपने!

किसी ने नही किया हमे करीब अपने खैर छोड़ो यार भी नही थे नसीब मे अपने!

एक सच्चे इंसान की दुआ वक्त के साथ-साथ naseeb भी बदल देती है !

एक सच्चे इंसान की दुआ वक्त के साथ-साथ naseeb भी बदल देती है !

नयी यादों की जरुरत नहीं पड़ती उन्हें, जिनकी पुराने ज्खमों के साथ दिल्लगी हो।

नयी यादों की जरुरत नहीं पड़ती उन्हें, जिनकी पुराने ज्खमों के साथ दिल्लगी हो।

दिल्लगी करना जरा देख के करना कहीं तुम्हारी दिल्लगी में कहीं देर न हो जाये!

दिल्लगी करना जरा देख के करना कहीं तुम्हारी दिल्लगी में कहीं देर न हो जाये!

न जाने क्यों तुम्हें अपना मानता हूँ मैं, दिल्लगी तो न थी ये जानता हूँ मैं।

न जाने क्यों तुम्हें अपना मानता हूँ मैं, दिल्लगी तो न थी ये जानता हूँ मैं।

मज़ा आ रहा है दिलबर से दिल्लगी में, नज़रे भी हमी पे है और पर्दा भी हमी से है!

मज़ा आ रहा है दिलबर से दिल्लगी में, नज़रे भी हमी पे है और पर्दा भी हमी से है!

मोहब्बत के नाम पर ज़माने में दिल्लगी करते हैं लोग, रूह से कोई वास्ता नहीं यहाँ जिस्म की बंदगी करते हैं लोग।

मोहब्बत के नाम पर ज़माने में दिल्लगी करते हैं लोग, रूह से कोई वास्ता नहीं यहाँ जिस्म की बंदगी करते हैं लोग।

दिल तोडना किसी का ये जिदंगी नही इबादत थी मेरी कोई दिल्लगी नही!

दिल तोडना किसी का ये जिदंगी नही इबादत थी मेरी कोई दिल्लगी नही!

अभी तक तो बस दिल्लगी पर लिखता हूं, कोई करे मोहब्बत तो पल पल पर लिखूं।

अभी तक तो बस दिल्लगी पर लिखता हूं, कोई करे मोहब्बत तो पल पल पर लिखूं।

मुझे कोई सपना मत समझना जिसे तुम अगली सुबह भूल जाओ ओ दिलबर साथ निभाना दिल्लगी न करना!

मुझे कोई सपना मत समझना जिसे तुम अगली सुबह भूल जाओ ओ दिलबर साथ निभाना दिल्लगी न करना!

मिले वो यार जो दिल की लगा कर हमें बहला रहे हैं दिल्लगी से !

मिले वो यार जो दिल की लगा कर हमें बहला रहे हैं दिल्लगी से !

मोहब्बत में उस दौर से गुज़रा है ये दिल, के फिर दिल्लगी करना है मुश्किल।

मोहब्बत में उस दौर से गुज़रा है ये दिल, के फिर दिल्लगी करना है मुश्किल।

नज़रों का क्या कसूर जो दिल्लगी तुमसे हो गयी तुम हो ही इतने प्यारे कि मोहब्बत तुमसे हो गयी !

नज़रों का क्या कसूर जो दिल्लगी तुमसे हो गयी तुम हो ही इतने प्यारे कि मोहब्बत तुमसे हो गयी !

दिल्लगी करते है लोग, यहां दिल बहलाने को, कौन वादा करता है यहां ज़िन्दगी भर निभाने को।

दिल्लगी करते है लोग, यहां दिल बहलाने को, कौन वादा करता है यहां ज़िन्दगी भर निभाने को।

कभी प्यार करना कभी लड़ाई करना वो ऐसे ही करते हैं दिल्लगी मुझसे!

कभी प्यार करना कभी लड़ाई करना वो ऐसे ही करते हैं दिल्लगी मुझसे!

करते रहे वो दिल्लगी न देखा कितनी दिल को लगी।

करते रहे वो दिल्लगी न देखा कितनी दिल को लगी।

क़दमों पे डर के रख दिया सर ताकि उठ न जाएँ नाराज़ दिल-लगी में जो वो इक ज़रा हुए!

क़दमों पे डर के रख दिया सर ताकि उठ न जाएँ नाराज़ दिल-लगी में जो वो इक ज़रा हुए!

मैंने तो इज़हार मोहब्बत का किया था, ना जाने क्यूँ तुमने दिल्लगी समझ लिया।

मैंने तो इज़हार मोहब्बत का किया था, ना जाने क्यूँ तुमने दिल्लगी समझ लिया।