इश्क हो गर तभी हाथ बढाना, दिल्लगी तो बहुत कर के चले गये। - Dillagi Shayari

इश्क हो गर तभी हाथ बढाना, दिल्लगी तो बहुत कर के चले गये।

Dillagi Shayari