बिखरे अरमान, भीगी पलकें और ये तन्हाई, कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं। - Tanhai Shayari

बिखरे अरमान, भीगी पलकें और ये तन्हाई, कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं।

Tanhai Shayari