चंद लम्हों के लिए एक मुलाक़ात रही, फिर ना वो तू, ना वो मैं, ना वो रात रही। - Tanhai Shayari

चंद लम्हों के लिए एक मुलाक़ात रही, फिर ना वो तू, ना वो मैं, ना वो रात रही।

Tanhai Shayari