मुद्दत से एक रात भी अपनी नहीं हुई, हर शाम कोई आया उठा ले गया मुझे। - Shaam Shayari

मुद्दत से एक रात भी अपनी नहीं हुई, हर शाम कोई आया उठा ले गया मुझे।

Shaam Shayari