अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में, इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में. - Shaam Shayari

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में, इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में.

Shaam Shayari