शामें किसी को मांगती हैं आज भी फ़िराक गो ज़िंदग़ी में यूं मुझे कोई कमी नहीं ! - Shaam Shayari

शामें किसी को मांगती हैं आज भी फ़िराक गो ज़िंदग़ी में यूं मुझे कोई कमी नहीं !

Shaam Shayari