सीढ़िया उन्हें मुबारक हो जिन्हें सिर्फ़ छत तक जाना है, मेरी मंजिल तो आसमान है रास्ता मुझे ख़ुद बनाना है। - Manzil Shayari

सीढ़िया उन्हें मुबारक हो जिन्हें सिर्फ़ छत तक जाना है, मेरी मंजिल तो आसमान है रास्ता मुझे ख़ुद बनाना है।

Manzil Shayari