मंज़र धुंधला हो सकता है मंज़िल नहीं दौर बुरा हो सकता है ज़िंदगी नहीं ! - Manzil Shayari

मंज़र धुंधला हो सकता है मंज़िल नहीं दौर बुरा हो सकता है ज़िंदगी नहीं !

Manzil Shayari