क्या फ़र्क़ पड़ता है ज़िन्दगी बाकी भी है अगर हम उनके लिए मर चुके है ! - Pagal Shayari

क्या फ़र्क़ पड़ता है ज़िन्दगी बाकी भी है अगर हम उनके लिए मर चुके है !

Pagal Shayari