मैं उसके साथ इश्क़ का खेल ही खेलता रह गया उस पगली को ब्याह कर कोई और ले गया - Pagal Shayari

मैं उसके साथ इश्क़ का खेल ही खेलता रह गया उस पगली को ब्याह कर कोई और ले गया

Pagal Shayari