मैं वही बैठा हूँ जब चाहे मर्ज़ी तब आना-जाना जब लौटोगी वापस तब ज़रूर बताना मिला मुझ सा कोई पागल दीवाना ! - Pagal Shayari

मैं वही बैठा हूँ जब चाहे मर्ज़ी तब आना-जाना जब लौटोगी वापस तब ज़रूर बताना मिला मुझ सा कोई पागल दीवाना !

Pagal Shayari