कभी ख़ामोशी बनते हैं कभी आवाज बनते है हर तन्हाई के साथी मेरे जज्बात बनते हैं ! - Khamoshi Shayari

कभी ख़ामोशी बनते हैं कभी आवाज बनते है हर तन्हाई के साथी मेरे जज्बात बनते हैं !

Khamoshi Shayari